Haridwar ज़मीन घोटाला: Uttarakhand Govt. की बड़ी कार्रवाई, 12 अफसर सस्पेंड!


देहरादून ब्यूरो रिपोर्ट

उत्तराखंड की धामी सरकार ने हरिद्वार नगर निगम में सामने आए ज़मीन घोटाले को लेकर बड़ी कार्रवाई की है। इस घोटाले में 2 IAS, 1 PCS अफसर समेत कुल 12 लोगों को सस्पेंड कर दिया गया है।

🚨 सस्पेंड हुए बड़े अधिकारी और उन पर लगे आरोप:

🔹 कर्मेन्द्र सिंह, जिलाधिकारी हरिद्वार

🔸 आरोप: ज़मीन ख़रीदने की अनुमति में सत्यनिष्ठा और प्रक्रिया को लेकर संदेह।

🔹 वरुण चौधरी, तत्कालीन नगर आयुक्त

🔸 आरोप: बिना प्रक्रिया के भूमि खरीद प्रस्ताव पास किया, वित्तीय अनियमितताओं में मुख्य भूमिका।

👉 अब इनके कार्यकाल का होगा स्पेशल ऑडिट!

🔹 अजयवीर सिंह, तत्कालीन एसडीएम

🔸 आरोप: ज़मीन की खरीद के दौरान ही लैंड यूज़ में बदलाव किया, जिससे कीमत 3 गुना हो गई।

👉 सिर्फ 17 दिन में पूरी प्रक्रिया निपटा दी गई!

इन तीनों अफसरों को तत्काल प्रभाव से हटाकर कार्मिक एवं सतर्कता विभाग में अटैच किया गया है।

🧾 सस्पेंड किए गए अन्य अधिकारी:

  • निकिता बिष्ट – वरिष्ठ वित्त अधिकारी
  • विक्की – वरिष्ठ वैयक्तिक सहायक
  • राजेश कुमार – रजिस्ट्रार कानूनगो
  • कमलदास – मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, तहसील हरिद्वार

पहले ही निलंबित अधिकारी:

रविंद्र कुमार दयाल, आनंद सिंह मिश्रवाण, लक्ष्मीकांत भट्ट, दिनेश चंद्र कांडपाल

📌 ज़मीन घोटाले की बड़ी परतें:

🔹 19 सितंबर से शुरू हुई ज़मीन खरीद की कागज़ी प्रक्रिया, 26 अक्टूबर तक पूरी

🔹 नवंबर में नगर निगम ने अलग-अलग व्यक्तियों से 33-34 बीघा ज़मीन 53.70 करोड़ में खरीदी

🔹 इस बीच, ज़मीन की श्रेणी बदलने का खेल भी हुआ —

13 करोड़ की ज़मीन बन गई 53 करोड़ की!

🗓 लैंड यूज़ बदलने की प्रक्रिया:

  • 3 अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक
  • उसी समय भूमि क्रय की प्रक्रिया भी चल रही थी
  • एसडीएम कोर्ट में मिश्लबंद तक बदल डाला गया!

🔍 अब आगे क्या?

  1. वरुण चौधरी के कार्यकाल का स्पेशल ऑडिट
  2. नगर निगम की जिम्मेदारी — सेल डीड कैंसिल कर धनवापसी
  3. विजिलेंस जांच के साथ प्रशासनिक जांच भी शुरू

💬 यह घोटाला सिर्फ ज़मीन की दलाली नहीं, बल्कि सरकारी प्रक्रिया को पलटने का संगठित प्रयास है।

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