भारतीय पासपोर्ट की ग्लोबल रैंकिंग में जबरदस्त सुधार, अब 59 देशों में वीज़ा फ्री एंट्री | Henley Passport Index 2025

🇮🇳 भारतीय पासपोर्ट की ग्लोबल रैंकिंग में जबरदस्त सुधार, अब 59 देशों में वीज़ा फ्री एंट्री | Henley Passport Index 2025

 

नई दिल्ली: भारत ने अंतरराष्ट्रीय यात्रा और पासपोर्ट ताकत के मामले में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। हैनले पासपोर्ट इंडेक्स 2025 (Henley Passport Index 2025) के मुताबिक, भारतीय पासपोर्ट ने 8 स्थानों की छलांग लगाते हुए 77वां स्थान प्राप्त किया है। अब भारतीय नागरिक 59 देशों में वीज़ा फ्री यात्रा कर सकते हैं।

 

🔑 भारत के पासपोर्ट की ताकत में इज़ाफ़ा

 

पिछले वर्ष भारत की रैंकिंग 85वीं थी, लेकिन इस साल यह सुधरकर 77वें पायदान पर आ गई है। यह सुधार सिर्फ दो नए देशों की वीज़ा फ्री एंट्री के बावजूद हुआ है। अब भारतीयों के लिए दुनिया की यात्रा करना और आसान हो गया है।

 

 

🌍 भारतीय पासपोर्ट पर वीज़ा फ्री और वीज़ा ऑन अराइवल एंट्री वाले देश

 

वीज़ा फ्री एंट्री वाले देश:

 

• मलेशिया

 

• मालदीव

 

• थाईलैंड

 

• इंडोनेशिया

 

• नेपाल

 

• भूटान

 

• फिजी

 

🛬 वीज़ा ऑन अराइवल (VOA) देने वाले देश:

 

• श्रीलंका

 

• म्यांमार

 

• मकाऊ

 

• केन्या

 

• सेशेल्स

 

🌐 दुनिया के सबसे ताकतवर पासपोर्ट – 2025 रैंकिंग

 

• 🥇 सिंगापुर – वीज़ा फ्री एंट्री: 193 देश

 

• 🥈 जापान और दक्षिण कोरिया – 190 देश

 

• 🥉 फ्रांस, जर्मनी, इटली सहित 7 यूरोपीय देश – 189 देश

 

• 🇬🇧 ब्रिटेन – 186 देश (6वें स्थान पर)

 

• 🇺🇸 अमेरिका – 182 देश (10वें स्थान पर)

 

 

📉 सबसे कमज़ोर पासपोर्ट

 

अफगानिस्तान के नागरिक सिर्फ 25 देशों में वीज़ा फ्री एंट्री पा सकते हैं, जो दुनिया में सबसे कम है।

 

 

📈 चीन और सऊदी अरब की रैंकिंग में सुधार

 

• सऊदी अरब ने इस साल 4 नए देशों को वीज़ा फ्री सूची में जोड़ा है। कुल गिनती: 91 देश।

 

• चीन ने 2015 से अब तक 34 स्थानों की छलांग लगाई है और अब 60वें स्थान पर पहुंच गया है।

 

 

🗣️ क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

 

Henley & Partners के CEO डॉ. जूर्ग स्टेफन के अनुसार:

 

“आज पासपोर्ट सिर्फ यात्रा दस्तावेज़ नहीं, बल्कि यह एक देश की कूटनीतिक शक्ति और वैश्विक पहुंच का प्रतीक है। अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों में अब नागरिक वैकल्पिक नागरिकता और रेजिडेंसी की तलाश में हैं।”

 

 

🔎 निष्कर्ष

भारतीय पासपोर्ट की यह छलांग सिर्फ कागज़ी नहीं, बल्कि देश की बढ़ती वैश्विक स्वीकार्यता का प्रमाण है। अब भारतीय यात्रियों के लिए अंतरराष्ट्रीय ट्रैवल अधिक सुलभ और सुविधाजनक हो गया है।

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