
कारगिल विजय दिवस 2025: देश ने शहीदों को किया नमन, पीएम मोदी और राष्ट्रपति मुर्मू ने दी श्रद्धांजलि | जानें इतिहास, महत्व और आज के कार्यक्रम
आज पूरा देश कारगिल विजय दिवस की 26वीं वर्षगांठ मना रहा है। इस खास मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वीर शहीदों को नमन किया और उनके साहस व बलिदान को याद किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा —
👉 “यह दिन उन महान वीरों की गाथा का प्रतीक है जिन्होंने देश की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। उनकी देशभक्ति हमें हमेशा प्रेरित करती रहेगी। जय हिंद!”
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा —
👉 “कारगिल विजय दिवस पर मैं भारत माता के उन अमर सपूतों को नमन करती हूं जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा में प्राण न्योछावर कर दिए। यह दिन हमारे जवानों की अटूट हिम्मत और बलिदान का प्रतीक है।”
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🔴 क्या है कारगिल विजय दिवस का इतिहास?
कारगिल विजय दिवस हर साल 26 जुलाई को 1999 के कारगिल युद्ध में भारत की जीत की याद में मनाया जाता है। मई 1999 में पाकिस्तान ने कारगिल की ऊंची चोटियों पर कब्जा करने की साजिश रची थी। लेकिन भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय के तहत दुश्मनों को पीछे खदेड़ते हुए 26 जुलाई को जीत का ऐलान किया।
➡️ इस युद्ध में 527 भारतीय जवान शहीद हुए, लेकिन भारत ने एक बार फिर साबित किया कि उसकी संप्रभुता से कोई समझौता नहीं हो सकता।
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🏞️ देशभर में श्रद्धांजलि समारोह और आयोजन
इस बार कारगिल विजय दिवस पर देशभर में बड़े स्तर पर आयोजन हो रहे हैं। मुख्य कार्यक्रम लद्दाख के द्रास स्थित कारगिल वॉर मेमोरियल में हो रहा है।
👉 सेना प्रमुख, वायुसेना प्रमुख, नौसेना प्रमुख और सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
👉 शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया गया।
स्कूल-कॉलेजों में देशभक्ति भाषण, निबंध प्रतियोगिताएं, क्विज, चित्रकला और तिरंगा रैलियां हो रही हैं ताकि युवा पीढ़ी इस युद्ध की वीरगाथा से प्रेरित हो सके।
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💻 सेना की डिजिटल पहल: ऑनलाइन श्रद्धांजलि और युद्ध की कहानियां
इस वर्ष भारतीय सेना ने कुछ खास डिजिटल पहलें भी की हैं:
✅ ई-श्रद्धांजलि पोर्टल लॉन्च किया गया है, जहां लोग देश के वीर शहीदों को ऑनलाइन श्रद्धांजलि दे सकते हैं।
✅ एक QR कोड आधारित ऑडियो ऐप भी पेश किया गया है, जिसमें कारगिल युद्ध की प्रेरणादायक कहानियां सुनाई जाएंगी।
✅ बटालिक सेक्टर के इंडस व्यूपॉइंट को आम जनता के लिए खोला गया है, जहां से लोग एलओसी का प्रत्यक्ष दृश्य देख सकेंगे।
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📌 निष्कर्ष:
कारगिल विजय दिवस न केवल हमारी सैन्य जीत की गाथा है, बल्कि राष्ट्रभक्ति, बलिदान और एकता का प्रतीक भी है। आज का दिन हमें याद दिलाता है कि देश की रक्षा के लिए हमारे सैनिकों ने क्या कुछ नहीं किया — अब हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनकी विरासत को सम्मान दें।